क्रिकेट का खेल बहुत ही अजीबो गरीब खेल होता है। कभी ऐसा लगता है के बस मैच ख़तम हो जाएगा फिर अचानक मैच का पासा पलट जाता है। क्रिकेट इतिहास में बहुत सारे ऐसे मैच हैं जब लगता है कि हमारी टीम मैच हार गई है और अचानक हम मैच जीत जाते हैं। और कई बार अचानक जीता हुआ मैच भी हम हार जाते हैं।
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ऐसा ही एक मैच भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच 1997 में पाकिस्तान में खेला गया जो आज भी याद किया जाता है। मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 47.2 ओवर में 265 रन बनाए और उनके चार विकेट गिरे थे। बारिश की वजह से भारत को 47 ओवर में 266 रन बनाने का लक्ष्य मिला। भारत की तरफ से सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने पारी शुरुआत की। सचिन तेंदुलकर 21 रन बनाकर आउट हो गए। उसके बाद सौरव गांगुली और विनोद कांबली ने अच्छी बल्लेबाजी की। सौरव गांगुली 89 रन बनाकर आउट हो गए। विनोद कांबली ने 53 रन बनाए। अजहरुद्दीन और जडेजा जल्दी आउट होने के बाद रॉबिन सिंह ने पारी को संभाला।रॉबिन सिंह का साथ विकेटकीपर क्रीम ने दिया लेकिन वह भी 26 रन बनाकर आउट हो गया। मैच आखिरी ओवर में चला गया। रॉबिन सिंह 32 रन बनाकर खेल रहे थे।लेकिन जब वह 46वें ओवर में बल्लेबाजी कर रहे थे तो चिंता यह थी कि आखिरी ओवर में स्ट्राइक पर कहीं राजेश चौहान ना चला जाए। क्यों कि राजेश चौहान स्पिन गेंदबाजी करते थे। उनसे बैटिंग की आस नहीं की जा सकती थी। लेकिन राजेश चौहान रॉबिन सिंह के पास गए और उनसे कहा कि अ आखिरी ओवर मैं खेलूंगा। यह सुनकर रॉबिन सिंह हैरान ही हो गए। राजेश चौहान ने कहा के आखिरी ओवर सकलेन मुश्ताक ने करना है। वो एक ऑफ स्पिनर थे और राजेश चौहान भी ऑफ स्पिनर थे। राजेश चौहान ने कहा कि मुझे पता है कि ऐसे समय सकलेन मुश्ताक कहा पर गेंद करेगा। यह सुनकर रॉबिन सिंह मुस्करा दिए।
संजोग से आखिरी ओवर में स्ट्राइक पर राजेश चौहान ही थे। आखिरी ओवर में भारत को 8 रन चाहिए थे। सबकी नजर अब राजेश चौहान पर थी कि वह सिंगल रन लेकर स्ट्राइक पर रॉबिन सिंह को मौका दे पाएगा या नहीं। लेकिन सकलेन मुश्ताक की पहली ही गेंद पर राजेश चौहान ने छका लगा दिया। अब भारत को 5 गेंद में 2 रन चाहिए थे वो राजेश चौहान ने दूसरी गेंद पर सिंगल लिया और तीसरी गेंद पर रॉबिन सिंह ने सिंगल रन बनाकर भारत को जीत दिला दी। बाद ने रॉबिन सिंह ने राजेश चौहान की तारीफ करते हुए यह पूरा वाकया बताया।
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