जल ही जीवन है
जल ही जीवन है हमें जीवन बचाना हैजल के बिना जीवन का सोचा भी नहीं जा सकता। पृथ्वी के हर जीव जंतु और पोधों को जल की जरूरत पड़ती है। जब भी जल बारिश के रूप में आसमान से टपकता है तो कुदरत खिल उठती है। पक्षी चहकने लगते हैं। हर तरफ निखार आ जाता है।
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कहा यह भी जाता है के विश्व का तीसरा महायुद्ध जल की वजह से ही होगा। जल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। दुनियां भर में बहुत सारे इलाके रेड जोन में आ गए हैं। भारत के भी कई राज्यों में जल का स्तर काफी नीचे जा चुका है। गर्मियों के दिनों में काफी इलाकों में जल सप्लाई प्रभावित हो जाती है।
जल की आपूर्ति का कारण यह भी है के हम जल की दुरुव्रतों बहुत करते हैं। खुला नल छोड़ना हमारी आदत बन गई है। नहाते समय जल की खुली व्रतों करते हैं। पीने के पानी का सही से उपयोग नहीं करते। जल टैंक उछलते रहते हैं उस पर कोई ध्यान नहीं देता।
नदियों के जल को फसलों के लिए सही से इस्तेमाल नहीं करना भी धरती निचले पानी का स्तर गिराने का कारण है। फसलों के लिए धरती से जल निकाल कर हमने जल के स्तर में गिरावट का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
बारिश में कमी भी जल स्तर के नीचे जाने का कारण है। पेड़ों की लगातार कटाई होने से बारिश में कमी आई है। हमने बड़े बड़े रोड तो बना लिए लेकिन पेड़ों की खूब कटाई की। जिससे बारिश का मौसम काफी प्रभावित हुआ है। बारिश की कमी के कारण जंगल के पेड़ पोधे और जीव जंतु काफी प्रभावित हुए हैं। बारिश के पानी को संभालने का कोई प्रबंध नहीं है। अगर हम जल्द नहीं संभले तो आने वाला समय बहुत ही भयानक होगा। हम पीने वाले जल की संयम से व्रतों करनी चाहिए। पेड़ों की कटाई बंद कर के नए पेड़ पोेधे लगाने चाहिए।
बारिश के जल को धरती में भेजने के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग का प्रबन्ध होने चाहिए। घर के जल टैंक में अलर्ट सिस्टम लगाने चाहिए ता के टैंक भरने के बाद तुरंत बंद किया जा सके।credit: third party image reference
जल की बूंद जीवन है और हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन बचा कर रखना है।
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