सौरव गांगुली ने दिखाई कैफ को उंगली

मुहम्मद कैफ को तो आप जानते ही होंगे। जब भी उनका नाम लिया जाएगा तब नेटवेस्ट ट्राफी 2002 का फाइनल मैच जरूर याद किया जाएगा।यह उस वक्त की बात है जब कैफ भारतीय क्रिकेट टीम में नए नए आए थे और इस मैच तक वह 18 से 20 मैच ही खेले थे।

उस सौरव गांगुली टीम के कप्तान थे। टीम इंडिया का वह दौर था जब वह क्रिकेट के शिखर की तरफ बढ़ रही थी।credit: third party image reference

नेटवेस्ट ट्राफी के फाइनल मैच में इंग्लैंड और भारत की टीमें लॉर्ड्स के मैदान में खेल रहीं थी।

इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 325 रन बनाए और भारत को 326 रन का लक्ष्य दिया।

शुरुआत में सौरव गांगुली और सहवाग ने अच्छी बल्लेबाजी की और 106 रन की सांझेदारी की। लेकिन सौरव गांगुली के आउट होने के बाद सहवाग, दिनेश मोंगिया,राहुल द्रविड़ और फिर सचिन तेंडुलकर जल्दी आउट ही हो गए।सचिन तेंडुलकर के आउट होने के बाद मुहम्मद कैफ युवी का साथ देने आए तब भारत को 180 रन की दरकार थी। credit: third party image reference

कैफ और युवी ने एक एक दो दो रन बनाकर अपने पैर जमाए।तब तक इंगलैंड सचिन तेंडुलकर की विकेट लेकर अपनी जीत पक्की समझ बैठा था। लेकिन युवराज सिंह और मुहम्मद कैफ ने इंग्लैंड को पता ही नहीं चलने दिया और मैच उनके हाथों से अपने हाथ में ले लिया। युवराज ने अच्छी और तेज बल्लेबाजी कर रहे थे। कैफ भी उनका अच्छा साथ दे रहे थे। credit: third party image reference

जब भारत को तेज रन बनाने थे तो सौरव गांगुली ने कैफ को बाहर से इशारा किया कि वो सिंगल रन लेकर स्ट्राइक युवराज सिंह को दे क्योंकि युवराज सिंह छक्के और चौके लगा रहा था। कैफ ने एक शॉट सिक्स रन के लिए खेल दिया और युवराज सिंह के पास जाकर बोले "हम भी खेलने आए हैं यार"credit: third party image reference

उसके बाद सौरव गांगुली ने बाहर से कोई मैसज नहीं भेजा।युवराज सिंह 69 रन बनाकर आउट हो गया और उसके बाद कैफ ने बाकी टेलेंडर बल्लेबाजों के साथ भारत को जीत के लक्ष्य पुहचा दिया। भारत 2 विकेट से जीता और फिर सौरव गांगुली अपनी कमीज़ उतार कर बालकोनी में घुमा रहे थे। कैफ ने 87 रन बनाए और आउट भी नहीं हुए।

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