गुरु नानक जी का धर्म


जैसा के आप सभी देखते ,सुनते और जानते ही होंगे के दुनिया के किसी भी कोने में कोई भी मुसीबत आ जाए तो कुछ लोग मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करते नजर आतें हैं। वैसे तो बहुत सारे धर्म के लोग मुसीबतों में लोगों की मदद करने पहुंच जाते हैं। लेकिन इन सब में से आगे सरदार लोग होतें हैं। सिख धर्म के इन लोगों की फितरत ही ऐसी है के वो कहीं भी किसी भी कैसे भी मदद करने को त्यार हो जाते हैं। credit: third party image reference Guru Nanak Dev Ji

दरअसल सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी से ही इसकी शुरुआत हो गई थी। जब गुरु नानक देव जी के पिता जी ने गुरु जी को कुछ पैसे दिए और व्यापार करने के लिए सौदा लेकर आने को कहा लेकिन गुरु जी ने रास्ते में भूखे साधुओं को भोजन खिला दिया। उस के बाद सिख धर्म के जितने भी गुरु हुए उन्होंने भी यह कार्य जारी रखा। सिख धर्म के लोगो का गरीब भूखे लोगो की मदद करना सर्वप्रथम धर्म है।

इस लिए अक्सर सिख धर्म के लोग मुसीबत के जगह सबसे पहले पहुंच जाते है और मदद करने लग जाते हैं । फिर चाहे वो एक अकेला आदमी हो यां फिर किसी संस्था के रूप में। सिख धर्म के लोगो के गुरुदुआरा साहिब 24 घंटे सब धर्म के लोगों के लिए लंगर चलता है। अमृतसर के हरिमंदिर साहिब में रोज हजारों लोग लंगर शकते हैं। किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता।

आप ने देखा होगा के कॉरोना की आपदा में भी सिख धर्म के लोग सबसे आगे हैं और वो अपने इष्ट के धर्म का पालन कर रहे हैं।

केरला में बाढ के समय भी सिख लोगों ने सबसे पहले पहुंच के अपनी सेवा शुरु की थी।

रोहिंग्या लोगों की मदद भी सिख लोगों ने की।

Khalsa aid sewa

सिख धर्म की एक " खालसा एड" नामक संस्था विश्व स्तर पर यह सेवा करती है। वो अलग अलग देशों में मुसीबत में फसे लोगों की मदद करते हैं।

५५० वर्ष पहले गुरु नानक जी ने जो लंगर की सेवा शुरु की थी वो आज भी जारी है।

हम सिख भाइयों के इस निष्काम सेवा को सर झुका कर सलाम करते हैं।

जगसीर सिंह

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